आंध्र प्रदेश में विधान परिषद के अस्तित्व को खत्म करने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित

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अमरावती (आंध्र प्रदेश), 27 जनवरी (हि.स.)। आंध्र प्रदेश विधानसभा ने राज्य में विधान परिषद का अस्तित्व खत्म करने का प्रस्ताव पारित कर दिया। सदन में 133 सदस्यों ने प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया। प्रमुख विपक्षी दल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया था। सोमवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र का एक दिन का विस्तार कर कार्यवाही शुरू की गयी थी। सरकार ने राज्य से विधान परिषद को समाप्त करने का प्रस्ताव पेश किया। विपक्ष की गैर मौजेदगी में इस पर विधानसभा में चर्चा हुई। चर्चा के बाद सदन में प्रस्ताव पर वोटिंग करवायी गयी। इस वोटिंग में सदन में उपस्थित 133 सदस्यों ने प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया। बाद में विधानसभा स्पीकर तम्मीनेनी सीताराम ने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा की। स्पीकर सीताराम ने कहा कि संविधान के अनुछेद169 के मुताबिक विधान परिषद को अस्तित्व खत्म करने का निर्णय लिया गया है। परिषद को खत्म करने के प्रस्ताव को केंद्र को भेज दिया जाएगा।
शाम को मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने बताया कि राज्य में विधान परिषद को खत्म करने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित हो गया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर राज्य के हितों को ध्यान में रखकर विधान परिषद को खत्म किया जा रहा है।  विश्लेषकों का कहना है कि स्पीकर ने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा के बाद इस प्रस्ताव को अब केंद्र सरकार को भेजा जायेगा। संसद के दोनों सदनों में पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ही राज्य से विधान परिषद का अस्तित्व खत्म होगा।  उल्लेखनीय है कि जगन सरकार राज्य में तीन राजधानी बनाने की योजना पर काम कर रही है। इस संबंध में सरकार ने विधानसभा में विधेयक पारित करवा लिया था लेकिन विधान परिषद में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का बहुतम न होने से विधेयक अटक गया। सरकार ने इस समस्या का हल निकालने के लिये राज्य में विधान परिषद के अस्तित्व को खत्म करने का निर्णय लिया है। सोमवार को सुबह जगन कैबिनेट ने राज्य से विधान परिषद को खत्म करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। उसके बाद सरकार ने आज ही इस प्रस्ताव को विधानसभा में पेश किया था।  
हिन्दुस्थान समाचार / नागराज 


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